narendrakeshkar Narendra Keshkar

रिया एक बहुत ही आधुनिक विचारों वाली लड़की है जिसके लिए सेक्स कोई शर्म की चीज नहीं है। वो सेक्स का पूरा आनंद लेने और खुलकर जीने में विश्वास करती है। यह डायरी उसके कुछ सेक्स एक्सपीरियंस का अनुभव है।


Érotique Interdit aux moins de 21 ans.

#]
1
857 VUES
En cours - Nouveau chapitre Toutes les semaines
temps de lecture
AA Partager

रिया

रिया गर्म हो रही थी, रोहित के बढ़ते हुए हाथ उसके टॉप के अन्दर उसकी गोलाईयों को नाप रहे थे। "गुब्बारे काफ़ी बड़े हैं तुम्हारे!.... तुम बोलो तो साइज़ बढ़ा दूं इनका?" रोहित ने रिया के कान में फुसफुसाते हुए कहा और उसकी गर्दन को चूमने लगा।


रिया अपने आपे से बाहर हो रही थी, अपनी गर्म साँसें थामकर उसने जवाब दिया "सब कुछ तुम्हारा है, कर लो जो करना है, ...... जी भर कर!!"


तभी रोहित ने उसकी गोलाईयों पर जोर से एक चिकोटी काटी "आ!!...ह!..." रिया ने जोर से सिसकारी ली। रोहित फिर बोला "सोंच लो!.. एक बार मैं शुरू हो गया तो जब तक मेरा मन नहीं भरेगा तब तक तुम्हें नहीं छोड़ूंगा!" इतना कहते ही उसने रिया के उभारों को जोर से मसल दिया। उसका दूसरा हाथ रिया की स्कर्ट के अन्दर घूमने रहा था तभी रिया बोली "फिर तो मैं चाहती ही नहीं कि तुम्हारा मन मुझसे भरे!....."


रोहित तो जैसे इसी बात का इंतजार कर रहा था, उसने रिया को गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया, वहां उसने रिया को बिस्तर पर पटक दिया। सबसे पहले रोहित ने अपनी शर्ट उतारी, बिना शर्ट के उसके गठीले बदन पर रिया भी मंत्रमुग्ध थी, रोहित ने आगे बढ़कर उसकी स्कर्ट उतार कर फेंक दी, रिया की पेंटी पूरी गीली थी।


रिया ने उसको छेड़ने के लिए अपने सेक्सी होंठों से जीभ चिढ़ाई तो रोहित सीधा उसके ऊपर चढ़ गया। वो अपने हाथों से उसकी गोलाईयों को टाप के ऊपर से ही मसलने लगा, थोड़ी देर बाद उसके हाथ रिया के टाप के थोड़े अन्दर गए, रिया उसके अगली शरारत के बारे में अंदाजा ही लगा रही थी कि तभी "च....र्र...र....र!.." और अगले ही पल रोहित ने उसका टॉप फाड़ कर दूर फेंक दिया।


"तुमने मेरा टाप फाड़ दिया!!!.... यू रास्कल!!!..." यह कहकर रिया रोहित से लड़ने लगी और देखते ही देखते उसने रोहित की बनियान फाड़ दी तो रोहित ने उसकी ब्रा चिथड़े-चिथड़े कर दी यह देख तैश में आकर रिया ने रोहित की अंडरवियर खींच दी सामने उसके लंबे मोटे अंग को देखकर शर्माकर मुँह छुपाकर बिस्तर पर लेट गई। रोहित अब मुस्कुराया उसने अपनी अंडरवियर उतार दी और बोला "जब मैं बिना कपड़ों के हूँ तो यह पैंटी तुम्हारे बदन पर क्यों है?" इतना कहते ही उसने रिया की टांगों को जबरदस्ती उठाया और उसकी पेंटी फाड़ कर फेंक दी। "अब ठीक है, ....... अब हम दोनों के बीच कुछ भी नहीं है!" रोहित ने शरारती लहज़े में कहा।


"अपनी टांगें फैलाओ!..... जरा देखूं तो सही कि जाँघो के बीच में जन्नत कैसी दिखती है" रोहित ने अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए कहा। रिया ने अपना मुँह अपने हाथों में छुपा लिया और बोली "मैं नहीं मानती तुम्हारी बात!", इतना सुनते ही रोहित तैश में आ गया और बोला "अरे साली! ...... ऐसे कैसे नहीं मानेगी!" इतना बोलते ही उसने रिया की टांगों को जबरदस्ती फैला दिया और उसकी जांघों के बीच का हिस्सा नमीं की वजह से चमकने लगा था। रोहित झुका और उसने अपनी जीभ से रिया की जांघों के बीच के उस सेक्स से भरपूर हिस्से को छेड़ने लगा।


रिया तो जैसे इसी बात का इंतजार कर रही थी, उसने अपनी जांघें और फैलाई और अपने हाथों से रोहित के सिर को अपनी जांघों के बीच उस चमकती गीली जगह की ओर और सटा लिया। जैसे जैसे रोहित की जीभ रिया के अन्दर घूम रही थी, वैसे वैसे रिया अपनी कमर हिला रही थी, रिया आनंद के सागर में गोते लगा रही थी, खुद को चीखने से रोकने के लिए उसने अपने सेक्सी होंठों को अपने दाँतों से दबा रखा था।


रोहित ने अब अपनी जीभ निकाल कर अपनी अंगुली रिया के छेद में डाल दी और उसे घुमाने लगा। "आ!!ह!!... ओ!फ!!....ऊं.....ऊम्फ!!" रिया के मुँह से निकले शब्दों ने रोहित का जोश बढ़ा दिया, वो रिया की टांगों को चूमते हुए ऊपर की तरफ आया और अपने हाथों से उसकी गोलाईयों को मसलने लगा, अपने होंठों और जीभ से रिया की गोलाईयों को चूमने, चूसने और चाटने लगा। तभी रोहित ने रिया के कान में कहा "मैं तुम्हें अंदर से महसूस करना चाहता हूँ!" तभी रिया ने उसे छेड़ते हुए कहा "दम है?..."


इतना सुनते ही रोहित ने रिया के अन्दर अपना घुसाना शुरू किया तो रिया बड़ी कामुक सिसकारियां लेने लगी। रोहित का काफी बड़ा था, धीरे धीरे वो रिया के अन्दर घुसा रहा था, थोड़ी देर में वह रिया के अन्दर पूरी तरह से आ गया था। रोहित धीरे धीरे अंदर-बाहर कर रहा था जिससे रिया मदमस्त हो गई थी, वह अब और तेजी से करने लगा, रिया ने अपनी आँखे बंद कर ली और मजा लेने लगी। रोहित का बदन रिया के बदन पर काबिज था दोनों के बदन पसीने की वजह से चमक रहे थे और रिया की मदमस्त गोलाईयाँ रोहित के सीने से टकराकर पिस रही थीं तब वो बोली "मेरे गुब्बारे दबाओं ना!.."


रोहित ने एक हाथ से उसके एक गुब्बारे को कसकर दबाया और दूसरे पर हल्के से काट लिया। काफ़ी देर बाद दोनों चरमसुख पर पहुंचने के बाद झड़ गए। दोनों अभी भी हाँफ रहे थे रोहित का हाथ रिया की गोलाईयों से खेलने में व्यस्त था कि तभी रोहित ने एक जोरदार चुम्बन रिया के होंठों पर जड़ दिया और फिर शुरू हो गया वहीं दौर।


इस बार रिया ने खेल शुरू किया। बिना कपड़ों के उसका बदन वैसे ही 6 लग रहा था और वो किचन से शहद की बोतल लेकर आई। रोहित कौतूहल भरी निगाहों से उसे देख रहा था, रिया ने शहद की बोतल का ढ़क्कन खोला और पहली बूंद अपने होंठों पर गिराई, रोहित की कनपटी वासनाओं से तपने लगी थी।


रिया ने शहद अपनी गोलाईयों पर गिराया और देखते ही देखते उसने अपने पूरे बदन पर शहद लगा लिया। रोहित का चेहरा लाल हो गया था, रिया के बदन से शहद टपक कर फर्श पर गिर रहा था, वह वहीं फर्श पर लेट गई, उसने अपनी जांघें फैलाई और अपनी जांघों के बीच अपनी उस सेक्सी चिकनी योनि पर ढेर सारा शहद उड़ेल दिया।


रोहित तो अब पागल ही हो गया था, वह लपककर रिया के पास गया और जैसे ही उसके हाथ रिया की गोलाईयों को निचोड़ने के लिए बढ़े तो रिया ने उसे रोक दिया, रिया ने अपनी गोलाईयों को अपने हाथों से मसलते हुए कहा "हाथ नहीं!... सिर्फ अपनी जीभ से मुझे खा जाओ!"


रोहित ने हाँ में गर्दन हिलाई और उसकी जीभ रिया के तलवों से होते हुए ऊपर की तरफ़ बढ़ने लगी। जैसे जैसे रोहित की जीभ रिया की जांघों की तरफ बढ़ रहीं थीं वैसे ही रिया की साँसें गर्म हो रही थी।


रोहित ने अपने हाथों से उसकी टांगों को जबरदस्ती फैला दिया और उसकी जीभ ने रिया के अन्दर की औरत को पानी-पानी कर दिया, उसकी गर्म चिकनी गहराइयों को पानी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। रिया चरम पर पहुंच गई थी लेकिन खेल तो अब शुरू हुआ था। वो हाँफ रही थी, वो थक गई थी, रोहित की जीभ की गर्मी अब वह बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी लेकिन रोहित अब रुकने वाला नहीं था। वह उसकी योनि का मान मर्दन करने के बाद उसके होंठ अब रिया की सेक्सी, चिकनी गोलाईयों की तरफ़ बढ़ने लगे। रिया ने उसे रोकने की कोशिश की तो रोहित की जीभ रिया की योनि में घूमने लगीं जिससे वह तड़पने लगी।


थोड़ी देर बाद रोहित फिर से रिया के बदन को चूमता, चाटता हुआ उसकी गोलाईयों की तरफ़ बढ़ने लगा। रिया की साँसे जैसे थम सी रही थी लेकिन वो चाहकर भी रोहित को रोक नहीं सकती थी क्योंकि अगर वह ऐसा करेगी तो रोहित फिर उसकी भट्टी की तरह तपती हुई चूत की चटनी बनाने में लग जाता। आज लग रहा था कि रिया की जान ही चली जाएगी, रोहित ने जैसे ही अपनी जीभ से रिया की गोलाईयों को छेड़ना शुरू किया तो रिया की कामुकता से भरी चींखें निकलने लगी।


लगभग आधे घंटे तक वह रिया को तड़पाता रहा आखिर में रिया ने उसे रोकते हुए कहा "मैं हार गई! ...... तुम जीते..... अब जो करना है, जितना करना है, जैसे चाहे करना है कर लो!"


रोहित मुस्कुराया और इस बार उसने अपने हाथों से रिया के कोमल चिकनी गोलाईयों को बड़ी बेदर्दी से मसलना शुरू कर दिया, रिया की सिसकारियां रुकने का नाम नहीं ले रही थी।


रोहित ने लगभग आधे घंटे तक रिया की गोलाईयों को मसल-मसल कर लाल कर दिया था, रिया में अब जरा भी शक्ति नहीं थी वो पस्त हो गई थी।

रोहित ने अब रिया के चिकने बदन को अपनी भुजाओं में जकड़ लिया और अपना मोटा सा लिंग उसके अंदर घुसाना शुरू कर दिया। रिया बुरी तरह तड़प रही थी, उसका लिंग पहले से कहीं ज्यादा मोटा था, रिया ने अपनी जांघों की तरफ देखा तो उसकी आँखे हैरत से चौड़ी हो गई, रोहित ने काँटेदार कंडोम पहना हुआ था जिससे जब वह अंदर जाता है तो ज्यादा घर्षण होने से दर्द भी ज्यादा होता है लेकिन मज़ा भी बहुत ज्यादा आता है।


रिया ने अपनी जांघों को और फैला दिया और अपनी आँखें बंद कर ली। सारी रात रोहित रिया की चूत का कचूमर निकालता रहा और उसके बदन और जवानी को अपने हाथों से मसलता रहा। रिया के रूप और उसकी जवानी के घमंड को रोहित ने रात भर अपने पैरों तले रौंदने के बाद वह अपना लिंग रिया की योनि में डालकर ही सो गया। नींद में भी उसका एक हाथ रिया की गोलाईयों को पीस रहा था और दूसरा हाथ उसकी योनि में घूमता रहा।


सुबह जब रिया की नींद खुली तो उससे उठा भी नहीं जा रहा था। ऐसी पलंगतोड़ चुदाई के बाद वो कम से कम दो दिनों तक ठीक से चल भी नहीं पाएगी। फिर वीकेंड में वो अपनी टांगें फैलाएगी और सेक्स की यह भूख ना जाने उसे कहाँ ले जाएगी।


रोहित जीत चुका था इसलिए उसने शर्त रखी कि रिया जब घर पर होगी तो वो कमर से नीचे कुछ भी नहीं पहनेंगी और जब भी वह रोहित के सामने होगी तो वह अपनी टांगें पूरी चौड़ी कर बैठेगी ताकि उसकी योनि को रोहित जब चाहे तब देख सकता था और मसल सकता था। रिया की गोलाईयों पर तो पहले से ही रोहित का कब्जा था, वह जब चाहे तब उसके सीने के उभारों को छूता, छेड़ता और मसल देता था।

रिया को भी इसमें बड़ा मज़ा आता था, वो रोहित को छेड़ने के लिए आइसक्रीम खाने के दौरान कुछ आइसक्रीम अपने सीने की चिकनी गोलाईयों पर गिरा देती फिर जब रोहित उसके पीछे आता तो वो बेडरूम का दरवाजा बंद कर लेती थी और देर तक रोहित को तड़पाती थी। उसके बाद रोहित घंटों उसके सेक्सी बदन को मसलता रहता था। दोनों को एडवेंचर पसंद था।


/////मिलते हैं अगले भाग में/////


8 Mars 2022 15:53 0 Rapport Incorporer Suivre l’histoire
0
À suivre… Nouveau chapitre Toutes les semaines.

A propos de l’auteur

Commentez quelque chose

Publier!
Il n’y a aucun commentaire pour le moment. Soyez le premier à donner votre avis!
~