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हनुमान जी का चरित्र आम जन मानस में एक प्रभु श्री राम भक्त, ज्ञानी और अति शक्तिशाली योद्धा के रूप में व्याप्त है। उन्हें पूज्यनीय ऐसे हीं नहीं माना जाता है। एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में उनके पास हथियार की परिकल्पना करना कोई अतिशयोक्ति नहीं हैं।जाहिर सी बात है जब बात उनके पराक्रम को करनी हो तो उनके महान शक्तिशाली गदा को कोई कैसे भूल सकता है। लगभग हरेक कथाओं में हनुमान जी को गदा के साथ हीं दिखाया जाता है। अगर उनके पास गदा था तो उन्होंने युद्ध के समय गदा का प्रयोग किया हीं होगा। अगर उनके पास गदा होगी तो रावण के साथ भीषण युद्ध में उसका इस्तेमाल जरुर किया होगा । देखने वाली बात ये है कि वाल्मिकी रचित रामायण में महावीर जी द्वारा गदा के प्रयोग करने का जिक्र आता है कि नहीं?


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गदा हनुमान जी की


हनुमान जी का चरित्र आम जन मानस में एक प्रभु श्री राम भक्त, ज्ञानी और अति शक्तिशाली योद्धा के रूप में व्याप्त है। उन्हें पूज्यनीय ऐसे हीं नहीं माना जाता है।


एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में उनके पास हथियार की परिकल्पना करना कोई अतिशयोक्ति नहीं हैं।जाहिर सी बात है जब बात उनके पराक्रम को करनी हो तो उनके महान शक्तिशाली गदा को कोई कैसे भूल सकता है।


लगभग हरेक कथाओं में हनुमान जी को गदा के साथ हीं दिखाया जाता है। अगर उनके पास गदा था तो उन्होंने युद्ध के समय गदा का प्रयोग किया हीं होगा।


अगर उनके पास गदा होगी तो रावण के साथ भीषण युद्ध में उसका इस्तेमाल जरुर किया होगा । देखने वाली बात ये है कि वाल्मिकी रचित रामायण में महावीर जी द्वारा गदा के प्रयोग करने का जिक्र आता है कि नहीं?


जब हनुमान जी के साथ अकम्पन का युद्ध होता है, तब वो वृक्ष का उपयोग करते है। एक वृक्ष को हथियार के रूप में चलाकर अकमपन का वध करते हैं।


रावण और हनुमान जी के साथ जब युद्ध होता है तब रावण के द्वारा चलाए गए हथियार के प्रतिउत्तर में वो उसे जोर से थप्पड़ मारते हैं।


एक समय रावण द्वारा लक्ष्मण घायल कर दिए जाते हैं। फिर रावण जब लक्ष्मण जी को उठाने की कोशिश करता है तब हनुमान जी उसे जोर से घुसा मारकर हटा देते हैं।


इसी प्रकार निकुंभ नामक राक्षस का वध उसके सर को अपने हाथों द्वारा मरोड़कर कर देते है। तो दूसरी ओर मेघनाद के साथ युद्ध में हनुमान जी एक शिलाखंड का प्रयोग करते हैं।


वाल्मिकी रामायण में हनुमान जी द्वारा राम रावण युद्ध में भाग लेने की इन घटनाओं का निरीक्षण करते हैं तो हम पाते हैं कि कहीं भी हनुमान जी गदा के प्रयोग करने की बात सामने नहीं आती है।

लगभग हर जगह वो अपने हाथों ,मुक्कों, पेड़ , शिला , पहाड़ और अपनी शारीरिक शक्ति का ही प्रयोग करते दिखते हैं।


उनके द्वारा कहीं भी गदा के इस्तेमाल करने का वर्णन नहीं है।इन सब बातों से ये प्रतीति होती हैं कि हनुमान जी के पास कोई गदा थी हीं नहीं।


जाहिर सी बात है , जो योद्धा अपनी शिशु अवस्था में हीं सूर्य को फल समझ कर आकाश में 400 योजन की छलांग लगा सकता था , उसे भला किसी गदा की जरूरत हो भी कैसे सकती थी ?


अजय अमिताभ सुमन:सर्वाधिकार सुरक्षित

4 de Diciembre de 2022 a las 13:57 0 Reporte Insertar Seguir historia
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