मैंने तुरंत अपनी रिवाल्वर निकाली और सभी बदमाशों को मौत के घाट उतार दिया. लड़की ने कृतज्ञता से मेरा धन्यवाद अता किया. उसके बाद लड़की और मुझ में प्यार हो गया
रमेश और शालिनी बहुत प्यार करते थे. दोनों शादी करना चाहते थे. लेकिन शालिनी के पिता इन दोनों की शादी नहीं करना चाहते थे. रमेश और शालिनी ने अपने पापा को बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने. आखिर शालिनी ने रमेश को खुद को भगा देने की बात तक कह दिया.
लेकिन रमेश ने कहा शालिनी तुम्हारे साथ मेरा सच्चा प्यार है. शादी तुम कहीं भी कर लो. केवल शादी करने से ही प्यार नहीं होता है. तुम्हारे पिताजी ने तुम्हें पैदा किया. पाला - पोसा, शिक्षा -दीक्षा दी, तुम्हें इंसान बनाया. अगर हम उन्हें धोखा देकर भाग जाएं, तो यह प्यार का अपमान होगा.
अगर हम दोनों अपने माता-पिता और घरवालों को छोड़ कर भाग जाएंगे तो यह उनके प्यार का भी अपमान होगा. प्यार किसी एक क्षेत्र का नहीं है. प्यार हर क्षेत्र में होता है. प्यार केवल पति - पत्नी, प्रेमी- प्रेमिका का ही नहीं है. प्यार तो मां बाप से भी होता है, भाई- बंधुओं से भी होता है, दोस्तों से भी होता है, समाज के सदस्यों से भी होता है. अगर हम आज भाग जाएं, तो कल हम किसी दूसरे के साथ भी तो भाग सकते हैं.
फिर जो हमारे बच्चे होंगे, क्या वह भी बड़े होकर नहीं भागेंगे. शालिनी की आंखें नम हो गई. शालिनी ने कहा रमेश तुम ठीक कहते हो. मैं वही शादी करूंगी, जहां मेरे पिताजी कहेंगे.
इन दोनों की बातें शालिनी के पिता भी चुपके से सुन रहे थे. उनकी आंखें भर आई. उन्होंने तुरंत रमेश और शालिनी को बुलाया और सारे समाज के सामने दोनों की शादी करने की घोषणा कर दी. शीघ्र ही दोनों की शादी हो गई. इस तरह एक सच्चे प्यार करने वाले प्रेमी - प्रेमिका के प्यार की कहानी का सुखद अंत हुआ.
सच्चा प्यार किसे कहते हैं शायद यह बात हर कोई जानता है. लेकिन सच्चा प्यार शायद 1% लोगों को ही होता है.
आजकल तो लोग पाश्चात्य सभ्यता की नकल करके लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं, कोर्ट मैरिज करते हैं, शादी से पहले सेक्स करते हैं. इन सब चीजों में 99% तो वासना ही रहती है. सच्चा प्यार नहीं.
मुझे किसी से इश्क हो गया।
शायद उसे भी मुझसे हो गया।
पर वह कह नहीं पाती है।
और मुझे कहने नहीं देती है।
प्यार के बारे में बहुत दलीलें दी।
ज्ञान की बातें बहुत बताई।
पर न खुद समझे।
न किसी को समझा पाए।
सच्चा प्यार है बहुत कठिन।
दुनिया समझे उसको देह की लालसा।
मन की लालसा कोई ना समझे।
देह तो बदनाम हुई, मन भी बदनाम हो गया।
काश, कोई हमें अपना समझता।
थोड़ी सी नफरत करता, थोड़ा सा प्यार करता।
थोड़ा सा अपनी सुनाता, थोड़ा सा हमारी सुनता।
थोड़ी सी तकरार करता, थोड़ा सा प्यार करता
इश्क करना है बहुत आसान।
पर निभाना है बहुत कठिन।
प्यार से बात बन जाए।
तो इश्क इश्क है।
नहीं तो सर पर।
जूतों की बारिश है।
इश्क में मरना।
इश्क में जीना ।
इश्क में रोना।
इश्क में हंसना।
इश्क है जिंदगी।
इश्क ही मौत।
इश्क ही मेरा दिल।
इश्क ही सारा जहां।
रिमझिम बरसात में।
सावन की फुहार में।।
आयो रे मेरा सजना।
प्यार की फुहार में।
अगर दुनिया मुझसे,
रूठ भी जाए।
बस,
तुम मत रूठना।।
बस मुझे,
कोई और नहीं चाहिए।
पर मुझे तो,
तुम्हारा साथ ही चाहिए।।
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